अध्याय -1 (Continue)
यदि प्रतिदिन सुनना सम्भव न हो |
पवित्र मास में तो अवश्य ही हो ||
22
एक मुहूर्त आधा या चौथाई क्षण पुराण |
दुर्गति ना हो श्रवण करे जो, सदा रहे कल्याण ||
23
हे मुनीश्वर जो सुनें इस शिव पुराण को |
भस्म कर कर्म,महावन लाँघें इस सँसार को ||
24
फल मिले जो सब यज्ञों के सम्पूर्ण से |
मिले वह केवल श्रवण शिव पुराण से ||
