मेरे पास हैं कुछ खिलोने

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मेरे पास हैं कुछ खिलोने; जो मुझको बहुत पसंद है
एक है गुड़िया, एक है गुड्डा; और कुछ है डिब्बे मैं बैंड

स्कूल से जब मैं वापस आता था; पहले इनसे मिलें जाता
चाहे ये कुछ बोल ना पाते; पर इनसे अच्छा कुछ ढूंढ ना पता

घर पे दोस्त जो खेलने आये; उनको भी ये बहुत सुहायें
कभी महल तो कभी है जंगल; इनके संग ही सब मिल जाएं

दिन भर ये मुझसे जुदा ना होते; रात को मेरे साथ ही सोते
सोचता हूं दिन भर क्या करता; अगर ये मेरे साथ ना होते