ब्रह्मस्थल या घर का आंगन
घर में आंगन नहीं है तो घर अधूरा है। घरके आगे और घर के पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए।प्राचीन हिन्दू घरों में तो बड़े-बड़े आंगन बनते थे। शहरीकरण के चलते आंगन अब नहीं रहे। आंगन नहीं है तो समझो आपके बच्चे का बचपन भी नहीं है। आंगन में तुलसी, अनार, जामफल, कड़ी पत्ते का पौधा, नीम, आंवला आदि के अलावा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले फूलदार पौधे लगाएं। तुलसी हवा को शुद्ध कर कैंसर जैसे रोगों को मिटाती है। अनार खून बढ़ाने और वातावरण को सकारात्मक करने का कार्य करता है। कड़ी पत्ता खाते रहने से जहां आंखों की रोशनी कायम रहती है वहीं बाल काले और घने बनेरहते हैं, दूसरी ओर आंवला शरीर को वक्त के पहले बूढ़ा नहीं होने देता। यदि नीम लगा है तो जीवन में किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होगा। मांडना से आती है घर में लक्ष्मी और शांति, जानिए शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीनआंवला और पांच आम के वृक्ष लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है और कभी नरक के दर्शन नहीं करता। इसके अलावा घरके द्वार के आगे प्रतिदिन रंगोली बनाएं और आंगन की दीवारों और भूमि पर मांडने मांडें।
