स्नानघर

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स्नानघर पूर्व दिशा में होना चाहिए। नहाते समय हमारा मुंह अगर पूर्वया उत्तर में है तो लाभदायक माना जाता है। पूर्व में उजालदान होना चाहिए। बाथरूम में वॉश बेशिन को उत्तर या पूर्वी दीवार में लगाना चाहिए। दर्पण को उत्तर या पूर्वी दीवार में लगाना चाहिए। दर्पण दरवाजे के ठीक सामने नहीं हो।

विशेष : नल से पानी का टपकते रहना वास्तुशास्त्र में आर्थिक नुकसान का बड़ा कारण माना गया है। जिनके घर में जल की निकासी दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा में होती है उन्हें आर्थिक समस्याओं के साथ अन्य कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उत्तर एवं पूर्व दिशा में जल की निकासी को आर्थिक दृष्टि से शुभ माना गया है। जल संग्रहण का स्थान ईशान कोण को बनाएं