दमिश्‍क जानेवाली सड़क पर

दमिश्‍क जानेवाली सड़क पर

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क्या आप उस आदमी को पहचानते हैं, जो ज़मीन पर गिरा पड़ा है? वह शाऊल है। याद है, स्तिफनुस को जिन लोगों ने पत्थर मारे थे, उन्होंने अपने कपड़े इसी के पास रखे थे। देखिए उस पर कितनी तेज़ रोशनी पड़ रही है। आखिर बात क्या है?

स्तिफनुस के मारे जाने के बाद, शाऊल ने यीशु के चेलों को सताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह चेलों को उनके घर से घसीटकर जेल में डालने लगा। इस वजह से कई चेले दूसरे शहरों को भाग गए और वहाँ “सुसमाचार” सुनाने लगे। मगर शाऊल हार माननेवाला नहीं था। वह एक शहर से दूसरे शहर जाकर उन्हें ढूँढ़ने लगा। इस समय वह दमिश्‍क जा रहा था। लेकिन रास्ते में उसके साथ यह अजीब घटना घटी:

अचानक शाऊल के चारों तरफ आसमान से तेज़ रोशनी चमकने लगी। फिर एक आवाज़ सुनायी दी: ‘शाऊल! शाऊल! तुम मुझे क्यों चोट पहुँचा रहे हो?’ शाऊल के साथ जो आदमी थे, उन्हें भी रोशनी दिखायी दी और आवाज़ सुनायी दी। मगर जो कहा जा रहा था, वह उनकी समझ में नहीं आया।

शाऊल ने पूछा: ‘प्रभु, आप कौन हैं?’

तब आवाज़ आयी: ‘मैं यीशु हूँ, जिसे तुम चोट पहुँचा रहे हो।’ यीशु ने यह इसलिए कहा, क्योंकि यीशु के चेलों को सताकर वह असल में यीशु को सता रहा था।

शाऊल ने फिर पूछा: ‘प्रभु, अब मैं क्या करूँ?’

यीशु ने कहा: ‘उठो और दमिश्‍क जाओ। वहाँ तुम्हें बताया जाएगा कि तुम्हें क्या करना है।’ जब शाऊल उठा और अपनी आँखें खोलीं, तो उसे कुछ दिखायी नहीं दे रहा था। वह अंधा हो गया था! इसलिए जो लोग उसके साथ थे, वे उसका हाथ पकड़कर उसे दमिश्‍क ले गए।

फिर यीशु ने दमिश्‍क में रहनेवाले अपने एक चेले हनन्याह से कहा: ‘उठो और उस गली में जाओ, जिसका नाम सीधी है। वहाँ यहूदा के घर में शाऊल नाम के आदमी के बारे में पूछना। मैंने उसे अपना एक खास चेला बनने के लिए चुना है।’

हनन्याह ने यीशु की बात मानी और वह यहूदा के घर गया। वहाँ जब वह शाऊल से मिला, तो उसने अपना हाथ शाऊल के ऊपर रखा और कहा: ‘मुझे यहाँ प्रभु ने भेजा है, ताकि तुम फिर से देखने लगो और पवित्र शक्‍ति से भर जाओ।’ उसके यह कहने की देर थी कि शाऊल की आँखों से छिलके जैसा कुछ गिरा और वह फिर से देखने लगा।

इसके बाद शाऊल को बड़े ज़बरदस्त तरीके से इस्तेमाल किया गया। उसे अलग-अलग देशों के लोगों के पास परमेश्‍वर के बारे में बताने के लिए भेजा गया। वह प्रेरित पौलुस के नाम से जाना गया। हम आगे की कहानियों में उसके बारे में और भी सीखेंगे। लेकिन उससे पहले आइए देखें कि परमेश्‍वर ने पतरस को किस काम के लिए भेजा।