ग्रहों की बत्ती नहीं बुझती
ज्योतिष में सौरमण्डल के अन्य ग्रहों के साथ सूर्य को भी एक ग्रह मान लिया गया है, लेकिन वास्तव में सूर्य ग्रह न होकर एक तारा है। ग्रह जहां सूर्य की रोशनी से चमकते हैं वहीं सूर्य खुद की रोशनी से दमकता है। पृथ्वी से परीक्षण के दौरान हम देखते हैं कि कई बार ग्रह सूर्य के बहुत करीब आ जाते हैं। किसी भी ग्रह के सूर्य के करीब आने पर ज्योतिष में उसे अस्त मान लिया जाता है। आमतौर पर दस डिग्री से घेरे में सभी ग्रह अस्त रहते हैं। सिद्धांत ज्योतिष के अस्त के कथन को भी फलित ज्योतिष में गलत तरीके से लिया जाने लगा है। अस्त ग्रह के लिए यह मान लिया जाता है कि अमुक ग्रह ने अपना प्रभाव खो दिया, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता। ग्रह खुद की किरणें भेजने के बजाय नक्षत्रों से मिली किरणें जातकों तक भेजते हैं। बुध और शुक्र सूर्य के सबसे करीबी ग्रह हैं। छोटे कक्ष में लगातार चक्कर लगा रहे ये ग्रह सर्वाधिक अस्त होते हैं।
