‘यशोदा का नंदलाला’ बालगीत के बोल

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यशोदा का नंदलाला, बृज का उजाला हैं
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये
यशोदा का नंदलाला, बृज का उजाला हैं
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये

रात ठंडी ठंडी हवा, गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके, झूम के जगाए
यशोदा का नंदलाला, बृज का उजाला हैं
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये

सोते सोते गहरी नींद में, मुन्ना क्यूँ मुस्काये
पूछो मुझसे मैं जानू, इसको क्या सपना आए
जुग जुग से ये लाल है अपना, हर पल देखे बस यही सपना
जब भी जन्म ले, मेरी गोद में आए
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये

मेरी उंगली थाम के जब, ये घर आँगन में डोले
मेरे मन में सोई सोई, ममता आँखे खोले
चुपके चुपके मुझको ताके, जैसे ये मेरे मन में झाँके
चेहरे से आँखे नहीं हटती हटाए
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये

रात ठंडी ठंडी हवा, गा के सुलाए
भोर गुलाबी पलके, झूम के जगाए
यशोदा का नंदलाला, बृज का उजाला हैं
मेरे लाल से तो सारा, जग झिलमिलाये