हाथी राजा बहुत बड़े

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हाथी राजा, बहुत बड़े,
सूंध उठा कर कहां चले,
हाथी राजा, बहुत बड़े,
पूंछ हिला कर कहां चले,
मेरे घर भी आऊ ना,
हलवा पूरी खाओ ना,
आऊ बैठो कुर्सी पर कुर्सी
बोले चतर पातर, चतर पातर