बंदर मामा

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बंदर मामा पाजामा
दावत खाने आए,
डीला कुर्ता, टोपी, जूता
पहन बहुत इत्राए,
रसगुल्ले पर जी ललचाया,
मुंह में रखा गैप से,
नरम नरम था, गरम गरम था,
जीभ जल गई गोद से।
बंदर मामा रोते रोते
वापस घर को आये,
फेंकी टोपी, फेंक झूठा,
रोये और पछताये