काला कुवा

bookmark

काला कौवा छत पर बैठा
कैसे शोर मचाता है
काव काव करके वो तो
मेरी नींद उड़ाता है

इधर से मुर्गा कुकडू कुकडू कर
मुझको ये समझा है
सुबह हो गई अब तो उठ जा
क्यों अफसोस तुमको आता है