अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं
केस – 1
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एक जातक ज्योतिषी के पास पहुंचता है और अपनी कुण्डली दिखाता है। ज्योतिषी जातक से कहता है कि आपकी कुण्डली कन्या लग्न की है, लेकिन बुध अस्त होने के कारण आप कुछ कर नहीं पा रहे हैं। लग्न में बुधादित्य (सूर्य और बुध के साथ होने का योग) के बावजूद आपकी कुण्डली असरदार नहीं रह गई है। जातक ज्योतिषी से इसका उपाय पूछता है। कुण्डली के कारक ग्रहों का उपचार बताने के बजाय ज्योतिषी जातक को बुध के उपाय बताकर भेज देता है।
