‘सारे जहाँ से अच्छा’ बालगीत के बोल
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा
हम बुलबुले हैं इसकी, वो गुलसितां हमारा
पर्वत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा, वो पासवां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा…
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियां
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा…
मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है, हिन्दोस्तां हमारा
सारे जहाँ से अच्छा…
