‘बन्दर की ससुराल’ बालगीत के बोल
लाठी ले कर बीन बजाता,
बन्दर जा पंहुचा ससुराल।
मैं आया बंदरिया को लेने
कौन पकाये रोटी-दाल ?
लाठी ले कर बीन बजाता,
बन्दर जा पंहुचा ससुराल।
मैं आया बंदरिया को लेने
कौन पकाये रोटी-दाल ?