‘जहाँ डाल डाल पर’ बालगीत के बोल
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़ियां करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
जय भारती, जय भारती, जय भारती
ये धरती वो जहाँ ऋषिमुनि जपते प्रभु नाम की माला
जहाँ हर बालक इक मोहन है और राधा इक इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा …
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और कावेरी बहती जाये
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम को अमृत पिलवाये
कहीं ये तो फल और फूल उगाये, केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा …
अलबेलों की इस धरती के त्योहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है, होली के कहीं मेले
यहाँ रागरंग और हँसी खुशी का चारों ओर है घेरा
वो भारत देश है मेरा …
जहाँ आसमां से बातें करते मंदिर और शिवाले
किसी नगर में किसी द्वार पर कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा …
