पंख फैला कर
पंख फेला कर, चड्डी चमका कर,
आई हूं मैं बहुत दूर से उड़ कर।
जादू सी है दुनिया मेरी,
लेकर आई हूं खुशियों की झोली।
सब मैं प्यार फलती हूं,
कभी हस्ती हूं कभी गति हूं।
चाहेक उठते हैं फूल और बगिए,
और पंछी, झरने और जीव।
तुम भी आओ मेरे साथ,
फेलो ये प्यारी सी बात।
हसो और हसाओ सब को,
ऐसी दुनिया बनते जाओ
जग मग जग मग करते सब,
और मिल बंटके रहते हैं सब
