नहीं सूर्य से कहता कोई

bookmark

नहीं सूर्य से कहता कोई
धूप यहां पर मत फैलाओ
कोई नहीं चांद से कहता
उठा चांदनी को ले जाओ
कोई नहीं हवा से कहता
खबरदार क्यों अंदर आई
बादल से कहता कब कोई
क्यों जलधारा यहां बरसाई
फिर क्यों हमसे भैया कहते
यहां ना आओ भागे जाओ
अम्मा कहती है घर भर में
खेल खिलौने मत फैलाओ
पापा कहते बाहर खेलो
खबरदार जो अंदर आए
हम पर ही सब का बस चलता
जो चाहे वो डांट लगाये।