अक्कर बक्कर बाम्बे बो

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अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बो,
अस्सी नब्बे पूरे सौ सौ
में लगा धागा
चोर निकलके भागा
रानी की बेटी सोती थी
मोती की माला बोटी थी
मोती बड़ी सच्चे
जैसे प्यारे बचे