सबसे ऊँची आवाज़

सबसे ऊँची आवाज़

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एक दिन सम्राट अकबर दरबार में गूढ़ प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए उत्सुक थे।
उन्होंने मुस्कराते हुए दरबारियों से पूछा:

“बताओ, दुनिया की सबसे ऊँची आवाज़ कौन-सी होती है?”

दरबार में चहल-पहल शुरू हो गई।
एक मंत्री बोला, **“जहाँपनाह, सबसे ऊँची आवाज़ तो बादलों की गर्जना होती है — जब आकाश फटता है, धरती तक हिल जाती है।”
दूसरा मंत्री बोला, “नहीं, नगाड़ों की आवाज़ — युद्ध के मैदान में जब नगाड़े बजते हैं, पूरा वातावरण गूंज उठता है।”
एक और दरबारी बोला, “तोप की गर्जना सबसे ऊँची है — वह दूर-दूर तक सुनाई देती है और सबको भयभीत कर देती है।”

अकबर ने सभी उत्तर सुने, लेकिन उन्हें संतोष नहीं हुआ।

फिर उन्होंने बीरबल से पूछा,
“और तुम क्या सोचते हो, बीरबल? सबसे ऊँची आवाज़ क्या है?”

बीरबल ने शांत स्वर में उत्तर दिया:
“जहाँपनाह, दुनिया की सबसे ऊँची आवाज़ है — एक भूखे बच्चे की चीख।”

दरबार में सन्नाटा छा गया।

बीरबल ने आगे कहा:
“बादल, नगाड़े, तोप — ये सब कानों तक पहुँचते हैं। लेकिन एक भूखे बच्चे की चीख सीधे दिल तक जाती है। वह न कोई भाषा माँगती है, न कोई तर्क — सिर्फ इंसानियत को झकझोरती है। वह आवाज़ छोटी हो सकती है, पर उसका असर सबसे बड़ा होता है।”

अकबर गम्भीर हो गए। उन्होंने सिर झुकाकर स्वीकार किया:
“सच कहा बीरबल — ऐसी आवाज़ ना सिर्फ सुनाई देती है, बल्कि आत्मा तक को हिला देती है।”

उन्होंने उसी समय यह आदेश दिया कि किसी भी हालत में राज्य में कोई बच्चा भूखा न सोए।

नीति : “असली शक्ति, आवाज़ की ऊँचाई में नहीं — उसकी भावना में होती है।”
          “दुनिया की सबसे ऊँची आवाज़ वो होती है जो दिल को चीर जाए — न कि केवल कान को।”